Monday, December 27, 2010

लाल परी के साथ नया साल कितना जायज

क्रिसमस और अब नया साल। उसपर पड़ती जबरदस्त ठंड। लालपरी का साथ निभाने का अच्छा बहाना है लोगो के लिए। इसके साथ ही बढ़ जाएगा अस्पतालों में मरीजों का सिलसिला। कहीं-कहीं फुटपाथ पर सो रहे लोगो को परलोक पहुंचाने का इंतजाम। साथ ही बढ़ जाएगी ट्रैफिक पुलिस की आफत। कुछ कुछ कमाई भी। दिल्ली हो, मुंबई हो, कोलकाता या चेन्नई। महानगर तो छोड़िए अब महानगर बनने की कगार पर खड़े शहरों में भी लाल परी को जोरदार स्वागत होता है। जो कभी समाजिक बुराई समझी जाती थी उसे अब उस लाल परी को हर मौके पर बुलाया जाता है। सवाल ये है कि आखिर इस पर क्या रोक पुलिस या कानून बना कर रोक लगाई जा सकती है? या इस पर परिवार ही अंकुश लगा सकता है। पर आज तो बाप बेटे को साथ बैठकर पिलाता है। ऐसे में आप क्या करेंगे? कोई कुछ कर भी नहीं सकता। सेलिब्रेट करने के लिए बीयर तो इतनी आम हो गई है कि लोग इसे नशे की कैटेगरी से बाहर कर चुके हैं। वोदका तो हर दिन पी जाने लगी है ये जाने बिना कि गर्मी में ये कितना नुकसान पहुंचाती है। तो ऐसे में नए साल पर पुलिस औऱ कानून कि सख्ती कुछ लोगो को सजा तो जरुर दिला देगी, पर समाज में बढ़ती शराबखोरी पर लगाम बिल्कुल नहीं लगा पाएगी।

2 comments:

  1. मेरे ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया .....आपने बहुत सार्थक तरीके से अपने विचारों को सामने रखा है .....शुभकामनायें

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  2. कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...

    वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
    डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .

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